Good wheat: जानिये गेंहू की बम्पर फसल कैसे लें और कोनसी किस्म है बेहद अच्छी-

Good wheat गेहूं, दुनियाभर में भोजन के लिए की जाती है, फसलों में मक्का के बाद दूसरे नंबर पर गेहूं आता है। गेहूं से बने उत्पादों का इस्तेमाल दुनियाभर में बड़े पैमाने पर की जाती है। विश्व में कुल कृषि भूमि के लगभग छठे भाग पर गेहूं की खेती की जाती है। वहीं भारत में गेहूं मुख्य फसल है। चीन के बाद भारत गेहूं का दूसरा सबसे अधिक बड़ा उत्पादक देश है।

Good wheat
Good wheat

Good wheat गेहूं मुख्य रुप से शीत और वसंत ऋतुओं में उगाया जाता है। आपको बता दें कि वसंतकालीन गेहूं परिपक्व होने में 120 से 130 दिनों का समय लेता है, जबकि शीतकालीन गेहूं पकने के लिए 240 से 300 दिन लेता है। इस कारण शीतकालीन गेहूं की उत्पादकता वंसतकालीन गेहूं की तुलना में अधिक हाती है। वहीं अगर बात गेहूं के अच्छे किस्मों की हो तो, अच्छी फसल लेने के लिए गेहूं की किस्मों का सही चुनाव बहुत जरूरी है। गेहूं की प्रजातियों का चुनाव भूमि और साधनों की दशा तथा स्थित के अनुसार किया जाता है। ताकि इनकी उत्पादन क्षमता का लाभ उठाया जा सके। गेहूं की खेती अधिकांशतः सिंचित क्षेत्रों में की जाती है|

Good wheat गेहूं के प्रमुख वैराइटी एवं उसकी बुवाई का सही समय

यहां हम अपने किसान भाईयों को गेहूं के कुछ प्रमुख वैराइटी के बारे में बताएंगे। जिससे वो गेहूं की ज्यादा से ज्यादा पैदावार ले सकते हैं। तो आओ जानते हैं गेहूं के कुछ प्रमुख वैराइटी के बारे में।

एच.डी. 2967–

गेहूं की ये उच्च किस्म किसानों की पहली पसंद है। क्योंकि इसमें पीला रतुआ आने की संभावना कम होती है। जिसकी वजह से इससे गेहूं की पैदावार भी अच्छी होती है। एचडी 2967 प्रति एकड़ 22 से 23 क्विंटल पैदावार देने में सक्षम है। इसके पौधे की लंबाई लगभग 101 सेमी तक होती है। वहीं यह लगभग 150 दिन में पक कर तैयार हो जाता है। गेहूं का ये किस्म पीला रतुआ प्रतिरोधी होता है, जिसकी वजह से दवाईयों के खर्चे कम हो जाते हैं। पंजाब, हरियाणा के क्षेत्रों में गेहूं के इसी वैराइटी की खेती ज्यादा की जाती है।

एच.डी. 2851

Good wheat एचडी 2851 समय पर बुआई और सिंचित स्थितियों के लिए उपयुक्त गेहूं की किस्म है। ये गेहूं के पछेती किस्मों में सबसे अच्छा माना जाता है। यह 41 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की औसत से उपज देती है। पकने पर इसके पौधों की लंबाई करीब 80 से 90 सेमी होती है। इसे पकने में लगभग 126 से 134 दिन लग जाते हैं। रोटी बनाने के लिए गेहूं की ये किस्म बहुत अच्छी होती है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 11 से 12 प्रतिशत होती है।

डी.एल. 803

गेहूं की इस वैराइटी के दाने का आकार मध्यम होता है। इसकी बुवाई के लिए अनुकुल समय 15 से 25 नवम्बर है। यह गेहूं का सिंचित किस्म है। इसके 1000 बीज का औसत वजन 40 से 42 ग्राम हो सकता है। वहीं इसकी औसत पैदावार 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसकी फसल 120 से 125 दिन में पककर तैयार होती है।

कल्याण सोना (एच.डी.एम.1593)

Good wheat इसका दाना चमकदार और शरबती रंग का होता है। गेहूं के ये किस्म 125 दिनों में पक जाते हैं। इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 30 से 35 क्विंटल तक होती है।

सुजाता

गेहूं की ये किस्म असिंचित अवस्था के लिए उपयुक्त है। यह 130 दिन में पकती है। इसकी पैदावार 13 से 17 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। गेहूं की लंबे पौधों तथा सघन बालियों वाली, यह किस्म मध्यम समय में पकती है। इसके दाने सख्त और सुनहरे होते हैं। 1000 दानों का वजन 45 ग्राम होता है।

शेरा (एच.डी.1925)

देर से बोने के लिए गेहूं की ये किस्म उपयुक्त है। यह गेरूआ निरोधक है। यह बहुत ही कम समय में पक जाती है। इसे पकने में 110 दिन का वक्त लगता है। इसका दाना आकर्षक होता है।इसकी पैदावार लगभग 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

Good wheat राज-3077

ये गेहूं की ऐसी नयी किस्म है, जिसमें अन्य प्रजातियों की अपेक्षा 12 प्रतिशत अधिक प्रोटीन पाया जाता है। इसे अम्लीय एवं क्षारीय दोनों प्रकार की मिट्टयों में बोया जा सकता है

स्वर्णा (एच.आई.-1479)

इस किस्म के गेहूं का दाना लम्बा, चमकदार और स्वादिष्ट होता है। इसके 1000 दानों का वजन 45 से 48 ग्राम होता है। इसके फसल की अवधि 110 दिनों की होती है। इस किस्म से 2 से 3 सिंचाइयों में अच्छी उपज ली जा सकती है।

एच डी 2236

Good wheat गेहूं की यह किस्म 110 से 115 दिनों में पककर तैयार होती है। इसका भूसा अन्य अधिक उपज देने वाली किस्मों के समान सख्त होता है। देरी से बुवाई के लिये उपयुक्त, इस वैराइटी के 1000 दानों का वजन 40 से 45 ग्राम एवं औसत उपज 30 से 35 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है।

हर्षित (एच.आई.1531)

ये गेहूं की वैराइटी कम पानी वाले क्षेत्रों के लिये उपयुक्त है। ये 135 से 140 दिन में पककर 30 से 35 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की उपज देती है। इसके 1000 दानों का वजन 40 से 42 ग्राम होगा, ये किस्म रोली रोधक है।

मालवश्री (एचआई – 8381)

Good wheat यह कठिया गेहूं की श्रेणी में श्रेष्ठ किस्म है। यह किस्म 4 से 5 सिंचाई में बेहतर उत्पादन देती है। इसके 1000 दानों का वजन 50 से 55 ग्राम अथवा उपज क्षमता 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टर होती है.

मालव शक्ति (एचआई – 8498)

काठिया गेहूं की यह किस्म सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्म है। सिंचित अवस्था में इसकी औसत पैदावार 50 से 60 क्विंटल प्रति हैक्टर है। गेहूं का यह किस्म 120 दिन में पककर तैयार हो जाता है। इसके एक हजार दानों का वजन 50 ग्राम होता है। यह नम्बर – दिसम्बर तक बोने हेतु उपयुक्त किस्म है। इसका दाना अत्यन्त आकर्षक, बड़ा, चमकदार, प्रोटीन व विटामिन ए की मात्रा से भरपूर होता है। गंहूं का ये किस्म निर्यात और बेकरी पदार्थ, नूडल्स, सिवैया, रवा आदि बनाने के लिए उपयुक्त है।

Good wheat इन किस्मों के शिवाय भी गेहूं के बहुत सी वैराइटी हैं जो अधिक पैदावार देते हैं। जैसे- जी. डब्लू. 173, जी. डब्लू. 273, H .I .1077, राज 1555, लोक 1, अमृता (H .I . 1500), H .I.8713, राज 4079 आदि।

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